एफिलिएट मार्केटिंग क्या होता है? What is Affiliate Marketing in Hindi

क्या आपको पता है, पैसे कमाने का सबसे आसान और विश्वसनीय तरीका क्या है, 2021 में बहुत सारे ऑनलाइन कमाने के तरीके है पर इन में से सबसे अच्छा और आसान तरीका है एफिलिएट मार्केटिंग जी हां दोस्तों यदि आप जानना चाहते है एफिलिएट मार्केटिंग क्या होता है तो फिर आप सही जगह आये है आज इस ब्लॉग पोस्ट में हम एफिलिएट मार्केटिंग के बारे में जानेगे।

एफिलिएट मार्केटिंग क्या होता है? Affiliate marketing kya hota hai?

एफिलिएट मार्केटिंग एक प्रकिया है जिसके माद्यम से हम ऑनलाइन पैसा कमाते है, जब कोई एफिलिएट मेंबर किसी भी इ-कॉमर्स या ऑनलाइन कंपनी के प्रोडक्ट का प्रमोट या सेल्स करता है, तो उसे कुछ कमीशन मिलता है हम इसी प्रकिया को एफिलिएट मार्केटिंग(Affiliate Marketing) कहते है.

Affiliate Marketing kya hota hai

फिलिएट मार्केटिंग कैसे काम करता है-Affiliate marketing kaise kaam karta hai

इसके लिए सर्वप्रथम हमे किसी भी एफिलिएट कंपनी का मेंबर बनना होता है, इसके पश्चात ही हम उनके प्रोडक्ट का प्रचार या बेच सकते है,जब हमे किसी प्रोडक्ट को प्रमोट करना होता है तो सबसे पहले उसका लिंक जनरते करते है फिर उस लिंक को हम अपने ब्लॉग, वेबसाइट या सोशल मीडिया के माध्यम से उस लिंक को वह लगा देता है जब भी कोई यूजर उस लिंक को क्लिक करके कुछ खरीदता है तो उसका हमे कुछ कमीशन(commission) मिलता है, जिससे हम अपना इक एक्स्ट्रा रेवेन्यू कमाते है.

अब हम आपको बतायेगे की कौन कौन सी पॉपुलर एफिलिएट कंपनी है 

इन वेबसाइट पर जाकर आप इनके एफिलिएट प्रोग्राम  ज्वाइन कर सकते है  

1 Amazon 

2 Flipkart

3 Vcommission

4  Clickbank 

5 Ebay 

ये E -commerce कंपनी के प्रोडक्ट प्रमोट,सेल या रिव्यु कर के अच्छा खासा पैसा बना सकते है.

१ godaddy 

२ Bluehost 

२ Hostinger 

४ bigrock 

५ hostgator 

होस्टिंग और डोमेन प्रोवाइडर कंपनी है इनके भी आप होस्टिंग या डोमेन प्रमोट सेल करके कुछ कमिशन कमा सकते है.

आइये अब जान लेते एफिलिएट मार्केटिंग के सम्बंधित कुछ बाते 

 Affiliate: ये वो व्यक्ति है जो एफिलिएट प्रोग्राम को ज्वाइन करता है तथा उनके प्रोडक्ट्स को प्रमोट एवं सेल्स करता है.

Affiliate marketplace: एक ऐसी जगह जहा कंपनी अपने प्रोडक्ट की लिस्टिंग करते है इसी को एफिलिएट मार्केटप्लेस कहते है.

Affiliate ID: यह एक यूनिक ID होती है जो एफिलिएट प्रोग्राम ज्वाइन करने वाले को मिलती है इसकी हेल्प से कंपनी को पता लगता है की इसके दुवारा कितनी सेल्स हुई है 

Affiliate Link: जब हमे किसी प्रोडक्ट को सेल्स करने के लिए उसकी लिंक तैयार करते है इसी को एफिलिएट लिंक कहते है इसी लिंक को यूज़ करके हम अपने ब्लॉग, यूट्यूब , सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म पर लगा कर प्रचार करते है. 

Commission: जब कोई अपनी सेल्स को कम्प्लीट करता है तो उसे कंपनी के दुवारा निश्चित किये हुए Commission रूप में राशि प्रदान की जाती है.

Link Clocking: एफिलिएट लिंक्स दिखने में बहुत लम्बे होते है इसलिए इसको  URL Shortener की मदद से छोटा किया जाता है इसी को Link Clocking कहते है.

Payment mode: हर एफिलिएट प्रोग्रामर की अपनी पेआउट करने के अलग अलग Payment mode का उपयोग होता है जैसे Paypal,wire transfer,payoneer,Cheque इत्यादि। 

Payment Threshold: यह मिनिमम पेआउट राशि होती जो एफिलिएट को दी जाती है ये Payment Threshold हर कंपनी की अलग अलग होती है.

एफिलिएट मार्केटिंग करने के क्या फायदे है 

इसका बड़ा फायदा तो यह है कि आपको किसी अंडर काम नहीं करना होता है, इस काम को करने के लिए आप स्वतंत्र हो.

इसको ज्वाइन / मेंबर बनने के लिए आपको कोई फीस(पैसे) नहीं देना होता है. 

समय की कोई पाबन्दी नहीं होती जब चाहो तब काम कर सकते है.

ये काम आप कही से भी कर सकते हो जैसे की घर, ऑफिस, या ट्रेवल करते इसी बड़ी आसानी से कर सकते है.

एफिलिएट मार्केटिंग के द्वारा कितना पैसा कमाया जा सकता है 

जो लोग एफिलिएट मार्केटिंग करने की सोच रहे है, उनके मन कई बार ये सवाल आता है की आखिर एफिलिएट मार्केटिंग से कितना कमाया जा ससक्त है.

तो दोस्तों ये पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है की आप कैसे इसकी मार्केटिंग करते है साथ ही आप किस माध्यम से इसका उपयोग करते है.

ये सभी आपके ब्लॉग या वेबसाइट सोशल मीडिया पर विजिटर और ट्रैफिक पर निर्भर करता है आपके द्वारा लगाए हुए लिंक पर कितनी सेल्स हुई है, जितनी ज्यादा सेल्स होगी उतना ज्यादा आपकी इनकम होगी.

क्या गूगल एड्स(Google Ads) और एफिलिएट एड्स(Affiliate Ads) का उपयोग एकसाथ किया जा सकता है

अक्सर नए ब्लॉगर को परेशानी होती है की क्या वो गूगल एड्स और एफिलिएट एड्स साथ में यूज़ कर सकते है या नहीं क्या इससे उनका गूगल एड्स खतरे में पड़ सकता है 

तो दोस्तों आप निश्चित होकर दोनों एड्स(Ads) का उपयोग कर सकते है, अपने ब्लॉग,वेबसाइट या यूट्यूब पर.

ऐसा करने से आपका गूगल एड्स को कोई हानि नहीं होगी,बस आपको गूगल की पालिसी को ध्यान में रखते हुए  काम करना है.

यदि आप दोनों साथ में उपयोग कर रहे है कुछ जरुरी बातो का ध्यान रखना है जैसे 

  • कभी भी गूगल एड्स और एफिलिएट एड्स साथ में ना लगाए.
  • दोनों एड्स की कुछ दूरिया बनाये रखे. 
  • दोनों ही एड्स का एक सिमित तक का ही उपयोग करे ताकि यूजर को पढ़ने में तकलीफ न हो.
  • यदि आप एफिलिएट लिंक का उपयोग कर रहे है तो उसे sponsored लिंक से ऐड(Add) करे.
Note :- गूगल के द्वारा 26 जुलाई 2021 के बाद से एफिलिएट लिंक पर sponsored link attribute यूज़ करना जरुरी है.  

Example :- <a href=”https:// example.com/ ProductName ” rel=”sponsored “>ProductName</a>

एफिलिएट प्रोग्राम ज्वाइन करने पूर्व ध्या में रखने हेतु जरुरी बाते

  • सबसे पहले आपको उन प्रोडक्ट का चुनाव करना है जो आपके निष्(niche) से related हो.
  • कभी भी गलत(illegal) प्रोडक्ट का एफिलिएट मार्केटिंग ना करे.
  • आपको ध्यान में रखना होगा की कोनसा प्रोडक्ट लोगो के फायदेमंद होगा.
  • आपको ये भी समझाना होगा की आपके विज़िटर visitor किस पोस्ट पर ज्यादा एक्टिव है तभी आप उसी पोस्ट से रिलेटेड related प्रोडक्ट का चुनाव करेंगे तो आपको अच्छा रेस्पोंस(Response) मिली.
  • यदि आप जिस प्रोडक्ट का एफिलिएट करना चाहते है, तो आप उस प्रोडक्ट की जानकारी दे, इससे यूजर को मदद मिलेगी.

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