क्या आपको पता है डोमेन क्या होता है, इसकी क्या आवश्यकता है और आज हम इस पोस्ट के माध्यम से इसी तरह के सवाल के बारे में जनेगे, हम इस पोस्ट में बतायेगे की आपको डोमेन लेते समय क्या ध्यान रखना है जिससे आप सही डोमेन ले सके.
Table of Contents
डोमेन क्या है? Domain kya hai? What is Domain?
डोमेन नाम आपकी वेबसाइट या ब्लॉग की पहचान है, जो एक यूनिक(unique) नाम होता है, डोमेन का नाम अक्षर,संख्या और किसी भी वर्ण का मिश्रण होता है.
डोमिन का उपयोग इसलिए किया जाता है, क्योकि इंटरनेट पर जब भी कोई वेबसाइट रन करना होता है तो हमे एक इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस की आवश्यकता होती है, जिसके माध्यम से हम कोई भी वेबसाइट को एक्सेस कर सकते है.
इसे सरल भाषा में IP Address भी कहा जाता है, हर वेबसाइट का यूनिक IP होता है, जो की संख्या में होता है और ये संख्या बहुत ज्यादा बड़ी होती है और इसे याद रख पाना मुश्किल होता है इसलिए हम डोमेन नाम का इस्तेमाल करते है.
जब भी हम डोमेन खरीदते है, तो जो भी नाम हम लिखते है जैसे Hindiweblearn ये इक डोमेन का नाम है और इसे एक IP एड्रेस के साथ जोड़ दिया जाता है.
डोमेन का इतिहास
इतिहास की बात करू तो दुनिया में सबसे पहले symbolic.com नाम डोमिन 15 मार्च 1985 में पंजीयन करा गया था,जो अमेरिका के एक राज्य Massachusetts में Cambridge नाम शहर में एक कंप्यूटर सिस्टम फर्म है.
1992 में आते आते 15000 से भी ज्यादा डोमेन रजिस्टर हो गए थे.
टॉप लेवल डोमेन क्या है – Top Level Domain (TLD)
ये डोमेन के अंतिम शब्द को दर्शता है जो .डॉट के बाद लिखा जाता है, इसे ही हम टॉप लेवल डोमेन कहते है.
टॉप लेवल डोमेन को शॉर्ट में (TLD) भी कहा जाता है.
टॉप लेवल डोमेन दो श्रेणी में जाना जाता है
जेनेरिक(Generic) TLDs और कंट्री कोड(country code) TLDs
जेनेरिक TLDs के अंतगत आने वाले टॉप लेवल डोमेन और इनका उपयोग
- com इस तरह के डोमेन कमर्शियल के लिए उपयोग किया जाता है
- org ये tld आर्गेनाइजेशन के लिए यूज़ किया जाता है
- edu ये एजुकेशन फैसिलिटी या यूनिवर्सिटी वेबसाइट के उपयोग में आता है
- net ये नेटवर्क आर्गेनाइजेशन की लिए है
- gov इस तरह tld खास कर सरकारी उपयोग में किया जाता है
कंट्री कोड ccTLDs के अंतगत आने वाले टॉप लेवल डोमेन और इनका उपयोग
इस तरह के TLD जो है खास कर उस देश के कोड को दर्शता है जो दो लेटर का होता है जैसे : india का “in”.
इसी तरह दुंनिया के जितने भी देश है, उनका अपना कंट्री कोड है.
TLD के मूल स्पष्टीकरण इस प्रकार है
- .com – Commercial Business
- .org – Organizations
- .net – Network Organizations
- .gov- Government Agencies
- .edu – Education facilities
- .in – India
सेकंड लेवल डोमेन क्या है – Second Level Domain (SLD)
सेकंड लेवल डोमेन TLD के बाद में यूज़ किया जाने वाला शब्द सेकंड लेवल डोमेन कहलाता है.
जैसे co.in, co.au etc.
सब–डोमेन क्या है
सब-डोमेन को आपके मैन डोमेन से पहले लिखा जाने वाला शब्द है जैसी की www.support.example.com इस तरह के डोमेन को हम subdomain बोलते है.
सब-डोमेन की सर्विस आपको होस्टिंग की तरफ से मिलती है, होस्टिंग प्रोवाइडर एक डोमेन पर कितने सब-डोमेन की इजाजत देता है,ये हर होस्टिंग का अपना प्लान होता है.
कहाँ से ख़रीदे डोमेन
आप इन वेबसाइट पर जाकर डोमेन चेक कर खरीद सकते है.
Godaddy
Bluehost
Bigrock
Hostgator
Hostinger
नोट:- डोमेन लेते समय आप स्पेलिंग चेक कर ले, साथ ही किस TLD में लेना है.